कृष्ण की बंसी : अनहद नाद है,ओंकार की ध्वनि,एक हाथ की ताली
"कृष्ण की बंसी तो सदा बज रही है,वो कभी भी बंद नही होती है,ना ही उसमे कभी कोई रुकावट आती है,ना उसे कोई बदल सकता है,ना तोड़ सकता है,वो तो एक मधुर ध्वनि है जिसको सुनने के बाद हमारा मन खोने लगता है,हमारे विचार शांत होने लगते है और हम उस आनंद मे स्थित होने लगते है जो हमारा स्वाभाव है।और ये कृष्ण की बंसी और कोई नही वो ही अनहद नाद है, ओंकार की ध्वनि है जो किसी के द्वारा बनाई गई नही है, इसीलिए इसको कोई मिटा भी नही सकता है और यही परमात्मा का वास्तविक नाम है, इसका जप नही किया जाता है ये तो अजपा जाप सदा चल रहा है इसको जपना नही है केवल इसमे डूबना है इससे एक होना है, इसमे अपने आप को मिटा देना है।
एक बार उस ध्वनि को आपने सुन लिया फिर आपको कोई भी नही रोक सकता है आपको अपने आप से मिलने से ना तो परमात्मा और ना ही सदगुरु।"~~#महाशून्य
Voice of Krishna's Flute :Ana-had Nad,Sound of Om,One Hand Clapping
"Krishna's flute is always ringing, it would never closes, nor ever interrupted, no body can change it, not to be broken, after listening to which it is a mellow sound our minds to lose our thoughts ,seem to be quiet and we seem to be in tune with that bliss which is our nature.And Krishna's flute voice is nothing but that 'Ana-had Nad",that sound of Om that is not created by, so it's can not be removed and this is the actual name of the divine, and there is no need to chat it,its chanting on its own accord,you have to drown into it,you have to unite with it,you have to disappear your ego into it.
Once you hear that sound, then no one can stop you to know thyself neither the master nor the divine."~~#Mahashunya
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