Sunday, 15 February 2015

मनुष्य रूपी बीज में परमात्मा होने की संभावना छीपी है : There is potentiality of human-being to be God :

मनुष्य रूपी बीज में परमात्मा होने की संभावना छीपी है :

प्रत्येक बीज में वृक्ष होने की संभावना छिपी है और जब तक बीज वृक्ष नही हो जाता तब तक दुखी है,अशांत है,बैचेन है,जैसे ही वो पूर्ण वृक्ष हो जाता है सुखी,शांत और आनंद मे जाता है।
मनुष्य भी बीज रूप है और उसके भीतर छिपी परमात्मा रूपी वृक्ष को प्रकट होने मे हमारी रूढ़िवादी सोच,तथाकथित धर्मो का बंधन,शास्त्रो का बंधन,गुरु का बंधन,सिद्धांतो,मान्यताओ,अंधविश्वाश रूपी अज्ञानता ही बीच मे जाती  है।
संसार के किसी भी व्यक्ति को किसी भी मनुष्य की इस संभावना के रास्ते मे किसी भी रूप में बाँधा नही बनना ही असली धर्म का पालन है। ताकि मनुष्य रूपी बीज पूर्ण रूप से विकसित होकर  कृष्ण,बुद्ध,महावीर,महाकाश्यप,बोधिधर्म,जीसस,कबीर,नानक,मीरा,बुल्लेह शाह,मीरदाद,एकनाथ, नामदेव,तुकाराम,ज्ञानेश्वर,रैदास,सुन्दरदास,भीखन,लाली,नानक,दादू ,बायजीद,मंसूर,ज़रथुस्त्र ,पलटु ,फरीद,जयदेव,राबिया,रूमी,लाओत्सु,कृष्णमूर्ति,रमण,रामकृष्ण,मेंहर बाबा,भूरीबाई ,सहजो,गुर्जीएफ,ओशो रूपी विराट वृक्ष हो सके और परम आनंद,परम शांति और परम पद पा सके "~~#महाशून्य

There is potentiality of human-being to be God :

"Every seed has the potentiality to be a tree and until it becomes tree it will be in Misery,Sadness,Disturbed and as soon as it becomes a big tree it gets Pleasure,Peacefulness and Blissfulness .


Man is also a seed form and clinging's and ignorance towards Traditions,so called Religions,Scriptures,Masters,Doctrines,Belief system,Superstitions prevents him to be God.
Any person of the world if not making any barrier on the way of the possibility of man to be God is the Real religion.
In order to develop fully human form seeds to Krishna, Buddha,Mahavira, Nanak, Kabir, Bodhidharma, Mahakashyap, Jesus, Meera, Bulley Shah, Mirdad, Eknath, Namdev, Tukaram, Gyaneshvar, Raidas, Sundardas, Bhikhan, Lali, Nanak, Dadu, Bayjid, Mansur, Zarathustra, Paltu, Fareed, Jaidev, Rabia, Rumi, Lao-Tzu, Krishnamurti, Raman, Ramakrishna, Sahjo, , Mehar Baba,Bhuribai,Gurjief, Osho with huge trees and find the ultimate Bliss, Peace and Supreme Post."~~#Mahashunya

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