Wednesday 24 June 2015

Mahashunya talks on " प्रेम का वास्तविक अर्थ : Real Meaning of Love "

Mahashunya talks on " प्रेम का वास्तविक अर्थ : Real Meaning of Love "

"A lovely explanation of the real meaning of love .Love can not be done but it happens on its own accord ,when your ego disappears.It is very easy to get rid of your ego only then to get rid of two person's ego,so it is quite easy to love God then to love a person..................


परमात्मा को समर्पित :

"मैनें कभी कुछ बोला नही है ; तुम ही मुझसे अमृत वचन बरसा रहे हो।

मैनें कभी कुछ किया नही है ; तुम ही मुझसे दिव्य कर्म करवा रहे हो।


मेरा अपना कोई रूप नही है ; तुम ही मुझमें अपना रूप दिखला रहे हो।

मेरा अपना कोई रंग नही है ; तुम ही मुझमें अपना रंग चढ़ा रहे हो।

मेरा अपना कोई गीत नही है ; तुम ही भैरव,भैरवी,रागिनी होकर मुझमे अलोकिक गीत गा रहे हो।

मेरा अपना कोई संगीत नही है ; तुम ही अनहद की धुन मेरे भीतर गूंजा रहे हो।

ये सुर ,ये ताल ,ये सरगम,ये शांति,ये मस्ती भरा नाच,ये आनंद की वर्षा ;

इसमें कुछ भी तो मेरा नहीं है,तुम्ही मुझमें अपना ऐश्वर्य दिखला रहे हो "~~महाशून्य