Saturday 24 June 2017

सत्य अव्याख्य है :

सत्य अव्याख्य है :


"सत्य के बारे में कहा नहीं जा सकता है लेकिन फिर भी देखा है की बहुत से उपनिषद और वेदों के ऋषि और ज्ञानी बोले और कृष्ण, बुद्ध, महावीर, जीसस, मोहम्मद, कबीर, गुरुनानक, दादू, पलटू, मीरा, लाओतज़ु, गुरजिएफ, नागार्जुन, सुकरात, दरिया, सहजो बाई, राबिया, ओशो इत्यादि अनेक संत बोले क्योंकि बोले बिना नहीं रहा जा सकता है और करुणा बुलवाती है संसारियों को दुःखी देखकर।
और अगर सभी ऐसा सोचने लगे की सत्य के बारे में कहा नहीं जा सकता तो फिर कोई भी नहीं बोलता और आज ये सभी शास्त्र भी नहीं होते और लोगो को ये पता भी नहीं चलता की आदमी सदा आनंद में रह सकता है। जीते जी मुक्ति का अनुभव कर सकता है।
दुनिया में बहुत कम लोग है जो मौन की भाषा समझते है।"~~महाशून्य

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