परमात्मा प्रेम स्वरुप :
परमात्मा प्रेम स्वरुप :
"परमात्मा प्रेम स्वरुप है।
परमात्मा को तुम उसके प्रेमी होकर ही जान सकते हो,
उसकी अनुभूति कर सकते हो।
तुम्हारा स्वरुप भी प्रेम ही है,
इसीलिए परमात्म मिलन की तड़प है।
सभी को उसी परम प्रेमी की तलाश है।"~~महाशून्य
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