आनंद हमारा स्वभाव है :
आनंद हमारा स्वभाव है :
"आनंद हमारा स्वभाव है।
आनंद कही से आना नहीं है वह आपके ही भीतर मौजूद है केवल अज्ञानता का, भ्रम का पर्दा पड़ा हुआ है। पर्दा हठते ही आप अपने को आनंदित पाते है।
और फिर ये भी जान लेते है की आनंद तो मेरा स्वरुप है, में व्यर्थ ही दुःखी था।"~~महाशून्य
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