Sunday 16 July 2017

ज्ञान और ध्यान :

ज्ञान और ध्यान :

"तथागतित धार्मिक गुरुओं का काम है आपके भीतर कचरा डालना और सद्गुरुओं का काम आपके भीतर के कचरे को साफ करना।
कचरा डालना 'ज्ञान' है और कचरा साफ करना 'ध्यान' है।

जो भी तथागतित ज्ञान तुमने अभी तक अर्जित किया है,स्कूलों में,विश्वविद्यालयों में ,गुरुकुलों में जो तुम्हें शिक्षकों से ,अध्यापको से,शास्त्रों से ,धार्मिक पंडितों से,पुरोहितों से,मुल्ला मौलवीयों से,पादरियों से पोप से उससे तुम्हारा मन जानकारियों से भर जाता है । मन का जानकारियों से भर जाना ज्ञान है।

लेकिन अगर तुम्हे परमात्मा का साक्षात्कार करना है तो इन सभी ज्ञान से तुम्हें मुक्त होना होगा और मन को बिलकुल खाली करना होगा,मन को शून्य करना होगा। मन को शून्य करना ही ध्यान है।
सद्गुरु का यही काम है की वो आपको इन सब से मुक्त होने की ध्यान की कला बता दे और आप जीते जी उस शून्य की अनुभूति कर ले।"~~महाशून्य

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