Wednesday 10 February 2016

Love Without Reason : अकारण प्रेम

अकारण प्रेम

प्रेम किसी कारण से नहीं होता है, प्रेम अकारण होता है क्योंकि अगर प्रेम किसी कारण से हुआ तो जब भी कारण हटा तो प्रेम भी तिरोहित हो जायेगा ।
एक बार गौतम बुद्ध के पास आकार एक व्यक्ति ने उनके मुहं पर थूक दिया । बुद्ध ने उसे कपड़ें से पोंछकर कहा –‘और कुछ कहना है ?’ उस व्यक्ति ने कहाँ –‘मैंने कुछ कहा नहीं है ,थूका है ।

बुद्ध ने कहा –तुम अभी क्रोध में हो और क्रोध प्रकट करने के लिए तुम्हारे पास शब्द नहीं है इसीलिए थूककर अपना रोष प्रकट कर रहे हो । 
वह व्यक्ति चला गया ,लेकिन अगले दिन आकार माफ़ी मांगने लगा । 
बुद्ध ने कहा –‘ तुम मुझ पर ना थूकते थे इस कारण थोड़ी न मैं तुमसे प्रेम करता हूँ, मेरा प्रेम तो सदा है, मैं प्रेम करने पर विवश हूँ सभी को अकारण । सदगुरुओ का प्रेम अकारण होता है ।

जहाँ प्रेम है वहां भय नहीं और जहाँ भय है वहा प्रेम नहीं । भय और प्रेम साथ साथ नहीं हो सकते है ।"~~महाशुन्य

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