Wednesday 10 February 2016

Love is Celebration : प्रेम उत्सव है

प्रेम उत्सव है : 

श्रीकृष्ण का प्रेम बेशर्त है, वे सभी को संमान प्रेम करते हैं लेकिन प्रेम कि अनुभूति सभी के भीतर उनके अहंकार के हिसाब से अलग अलग होती है, जिसका अहंकार पूरा मिट जाता है उसके भीतर पूर्ण प्रेम प्रकट हो जाता है । कृष्ण का प्रेम उत्सव है, नाच है, बांसुरी कि मधुर धुन है, संगीत है, आनंद है, रासलीला है ।
यदि तुम प्रेम करते हो तो कभी भी दुखी नहीं होगें, जो लोग प्रेम करते है वे सदा आनंदित रहते है, प्रसन्न रहते है और उनके जीवन में मिठास होती है ।
पिया खोलो किवाड़
अपने भीतर कि सारी गठानों को खोल दो, लोगो को अपने भीतर आने दो, अहंकार रूपी दरवाजा खोल दो, प्रेम में जीना प्रारंभ करो और पूरी पृथ्वी को प्रेम से भर दो तभी तुम वास्तविक जीवन का आनंद ले पाओगे, तभी जीवन सार्थक होगा, आनंदित होगा, प्रफुल्लित होगा ।
मीरा ने कहा है :
प्रेम गीत है मधुर आत्मा से गाये जाओ

प्रेम है द्वार स्वर्ग का ,
प्रेम मौन का संगीत है ।~~महाशुन्य

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