"गोतम बुद्ध के चार आर्य-सत्य :
1.संसार में दुःख है।
2.दुःख का कारण भी है।
3.दुःख को समाप्त करने के उपाय है।
4.एक ऐसी अवस्था भी है , जहाँ दुःख पुर्णतः समाप्त हो जाता है।
दुख क्यों है क्योंकि अज्ञानता है, भ्रम है, अहंकार है अपने को
ब्रह्म के अतिरिक्त मानना ही दुख का कारण बनता है और
इस दुख को दूर करने के उपाय है 'सत्संग और ध्यान साधना' जिससे आपका विवेक जगेगा, अज्ञान दूर होगा, भ्रम रूपी जाल हटेगा और अहंकार भी पूरी तरह मिट जाएगा तभी फिर ऐसी अवस्था आएगी 'आत्मज्ञान की,समाधि की' जहा फिर दुख पूरी तरह समाप्त हो जाता है।
इस दुख को दूर करने के उपाय है 'सत्संग और ध्यान साधना' जिससे आपका विवेक जगेगा, अज्ञान दूर होगा, भ्रम रूपी जाल हटेगा और अहंकार भी पूरी तरह मिट जाएगा तभी फिर ऐसी अवस्था आएगी 'आत्मज्ञान की,समाधि की' जहा फिर दुख पूरी तरह समाप्त हो जाता है।
केवल आत्मज्ञान के द्वारा ही सारे दुखो से छुटकारा संभव है
।
सभी प्यारे और प्रेमी मित्रो को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाए ।"~~महाशून्य
Gautam Buddha's four Noble Truths:
1.There is Suffering in the world ;
2.There is Origin of Suffering ;
3.There are measures to eliminate Suffering ;
4.There is also a state where whole sorrow ends.
Why is
suffering because there is ignorance, illusion, ego and belief that we are
separated from the divine causes suffering.and
these sufferings can be eliminated by 'Satsang And Meditation' which will awaken your wisdom, eliminate ignorance and confusion and ego will disappear completely ,only then there will be a state of 'Enlightenment, full of Ecstasy', where the suffering ends.
these sufferings can be eliminated by 'Satsang And Meditation' which will awaken your wisdom, eliminate ignorance and confusion and ego will disappear completely ,only then there will be a state of 'Enlightenment, full of Ecstasy', where the suffering ends.
Only
after Enlightenment it is possible to get rid of all the suffering.
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