तुम ही ज़िम्मेदार हो :
"परमात्मा को पुकारने की, आवाज़ देने की, चिल्लाने की कोई आवश्यकता नही है ।
वह तो सदा ही पुकारा ही हुआ है, जैसे सूर्य की रोशनी सदा ही मौजूद है, तुमने ही तुम्हारे अहंकार से, अज्ञानता से अपना द्वार बंद कर रखा है, और केवल तुम ही वो द्वार खोल सकते हो, तुमने की परमात्मा को रोक रखा है भीतर प्रवेश करने से।
केवल तुम ही ज़िम्मेदार हो, गुरु तो सिर्फ़ तुम्हें तुम्हारा द्वार खोलने मे सहायक भर होता है।"~~महाशून्य
वह तो सदा ही पुकारा ही हुआ है, जैसे सूर्य की रोशनी सदा ही मौजूद है, तुमने ही तुम्हारे अहंकार से, अज्ञानता से अपना द्वार बंद कर रखा है, और केवल तुम ही वो द्वार खोल सकते हो, तुमने की परमात्मा को रोक रखा है भीतर प्रवेश करने से।
केवल तुम ही ज़िम्मेदार हो, गुरु तो सिर्फ़ तुम्हें तुम्हारा द्वार खोलने मे सहायक भर होता है।"~~महाशून्य
You
are only Responsible
:
"There is no need to call God, no need to shout.
He has been always hailed, as the sun is always present, you have only
closed the door by your Ego, Ignorance,and only you can open the door, you are
the barrier to the divine to penetrate. You are only responsible, your master only helps you to open your door on your own."~~ Mahashunya
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