"जीवन और मृत्यु :
जीवन तो सदा से था ,अभी भी हैं और सदा ही रहने वाला है ,जीवन कभी समाप्त नहीं होता हैं ,केवल जिसे हम मौत कहते हैं वह एक पड़ाव है जहाँ आत्मा अपना शरीर मतलब वस्त्र बदलती है और फिर से जीवन की आगे की यात्रा चलती रहती है ।
जीवन शाश्वत होता है,इस दुनिया में कुछ भी नष्ट नहीं होता है ,एक बालू का कण भी नहीं,केवल रूप बदल सकता है।
जीवन शाश्वत होता है,इस दुनिया में कुछ भी नष्ट नहीं होता है ,एक बालू का कण भी नहीं,केवल रूप बदल सकता है।
इस शाश्वत जीवन की कद्र करो ।
शान से जीओ और दुसरो जीवों को भी जीने दो ।" - महाशून्य
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