एक खुला निमंत्रण :
“मेरा स्वागत है उन सभी मित्रो का जो सत्य को उपलब्ध होना चाहते है ,स्वयं का साक्षात्कार करना चाहते है ,इसी जीवन में जीते जी मुक्ति का अनुभव करना चाहते है, उनके लिए में अपना व्यक्तिगत समय देने को तत्पर हूँ ,क्योंकि में अपने अनुभव से जानता हूँ कुछ थोड़े से मित्र ( 0.0001 % ) ही उत्सुक होते है जीवन के वास्तविक सत्य को जानने के लिए बाकि ( 99.9999 % ) लोगों को तो संसार और संसार कि वस्तुए चाहिए । लेकिन असली सुरमा तो वो होता है जो अपने आप को खोने को राजी होता है ,भीतर के महा आनंद के लिए बाहर कि तुच्छ संसार में अपने जीवन को नहीं खपाता है । संत कबीर ने कहा है :
’कबीरा खडा बजार मे , लिये लूकाटी हाथ ।
घर बारे जो आपना , चले हामारे साथ ॥ ‘
’कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोइ सूरमा, जाति वरन कुल खोय ॥"~~महाशून्य
घर बारे जो आपना , चले हामारे साथ ॥ ‘
’कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोइ सूरमा, जाति वरन कुल खोय ॥"~~महाशून्य
mahashunyasadguru@gmail.com
An Open Invitation:
"I welcome all the friends of the world who are interested to know the truth and want to Self-realized and experience the liberation in this life itself ,I am ready to give my personnel time because I know by my experience that very few ( 0.0001 % ) people are interested to know the real truth of life and ( 99.9999 % ) wants worldly things.But real antimony is who is ready to drop his ego and never spend the precious time of life for outer world only."~~Mahashunya
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