वास्तविक स्वतंत्रता :
"राजनेतिक आजादी और आर्थिक आजादी से भी महत्वपूर्ण है मनुष्य के भीतर की स्वतंत्रता !
"राजनेतिक आजादी और आर्थिक आजादी से भी महत्वपूर्ण है मनुष्य के भीतर की स्वतंत्रता !
- नैसर्गिक स्वभाव है स्वतंत्रता,परतंत्रता नहीं!
- परमात्मा ने भी हमें स्वतंत्रता दी है कि चाहे तो हम दुःखी रहे और चाहे तो हम उसी परिस्थिति में सुखी हो सकते है!
- इसीलिए अपनी वास्तविक स्वतंत्रता को उपलब्ध होना ही हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और हमें मृत्यु के पहले उसे पाकर ही रहना है !
तभी हम वास्तविक स्वतंत्रता
दिवस मना सकते है !"~~महाशून्य